Bihar: कड़ाके की ठंड में भीख मांगने को मजबूर दरोगा की मां, बुजुर्ग की हालत देख रोने लगे लोग, लगाई मदद की गुहार।
हाइलाइट
- बेगूसराय में दारोगा की मां भीख मांगने को है मजबूर।
- बुजुर्ग महिला की रविवार को तबीयत खराब हो गई।
- गांव वालों ने बेटों को फोन किया तो उन्होंने फोन काट दिया।
- अब वृद्धा को ठंड में ठिठुरते देख ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
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विस्तार
बेगूसराय: एक माता पिता जब एक बेटे को जन्म देते हैं और उसका पालन पोषण बड़े ही लाड़ प्यार से करते हैं। साथ ही, वह उस बच्चे से ये उम्मीद लगाते है कि वह बच्चा उनके बुढ़ापे का सहारा होगा। लेकिन आज के युग में मां बाप अपने बच्चो का पालन पोषण हर परिस्थिति में ईश्वर का आशीर्वाद समझ कर कर लेते हैं। लेकिन वहीं बच्चे एक मां बाप को बोझ समझ कर फैंक देते है।
ऐसा ही एक मामला बेगूसराय से आया है। जिन बेटों को मां ने जिगर का टुकड़ा समझकर प्यार से पाला, उन्हीं बेटों ने उनके बुढ़ापे में अपनी मां को दर – दर भटकने और भूखे मरने के लिए छोड़ दिया। जिन दो बेटों को पढ़ा-लिखाकर पैर पर खड़ा किया, आज वहीं दारोगा की मां दर – दर भटक कर भीख मांगने को मजबूर है। इस कड़ाके की ठंड में एक बुजुर्ग को ठुठरते देख हर किसी के आंखों में आंसू आ गए हैं।
फफक – फफक कर रोती बुजुर्ग
‘बाबू, बड़ा बेटा दारोगा है और छोटा बेटा बाहर अच्छा कमा लेता है। यहां गांव में आलीशान घर भी बना रखा है। दोनों बेटे अपने-अपने घरों में ताला बंद कर कई महीने से गांव नहीं आ रहे हैं। खाना-खुराकी भी नहीं देते हैं, इसलिए गांव में भीख मांग कर भोजन कर रही हूं।’ यही बात कहती हुई छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र की ऐजनी पंचायत के वार्ड नंबर चार निवासी स्व. राजबल्लभ सिंह की 85 साल की पत्नी ज्ञानवती देवी फफक- फफक कर रोने लगी।

गांव वाले कर रहे हैं देखभाल
इनका कोई देखरेख करने वाला नहीं है। जिस कारण कई महीने से गांव के लोग इनके खाना- पानी और कपड़ा आदि चीजों की व्यवस्था कर रहे हैं। आखिर गांव के लोग भी कितने दिनों तक इनका भरण पोषण करेंगे। इस ठिठुरती ठंड और शीतलहर में बुजुर्ग को थरथराते देख गांव वाले इनके लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
गांव के मुखिया ने सीओ को दिया आवेदन लगाई गुहार
इस विषय को लेकर ऐजनी पंचायत के मुखिया पंकज कुमार दास द्वारा छौड़ाही सीओ को एक आवेदन भेजा गया। जिस आवेदन में कहा गया है कि वृद्धा ज्ञानवती देवी के बड़े बेटे हीरालाल सिंह जो बिहार पुलिस में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, उनका छोटा बेटा मनोज कुमार सिंह जो पंजाब में प्राइवेट जॉब करता हैं। दोनों ही बेटे अपने-अपने घरों में ताला बंद करके चले गए है। लेकिन अपनी बुजुर्ग माता के रहने और भरण-पोषण की किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं कर के गए हैं।
बेटों ने मां का भरण-पोषण करने से किया इनकार
गांव के मुखिया ने बताया कि गांव के लोग इस वृद्ध महिला का भरण-पोषण इतने दिनों से कर रहे थे। लेकिन जब रविवार को बुजुर्ग महिला की हालत गंभीर हो गई तो गांव वालों ने उनके दोनों बेटों के पास फोन कर मां की हालत बताई और उनसे अपनी बुजुर्ग मां के भरण पोषण की व्यवस्था करने को कहा। लेकिन, गांव वालों ने बताया कि दोनों ही बेटों ने उनके भरण पोषण की व्यवस्था करने से इनकार कर दिया और फोन काट दिया। जिसके बाद, मुखिया द्वारा सीओ से बुजुर्ग महिला के भरण-पोषण की व्यवस्था करवाने और उनकी जान बचाने की मांग की है।
इस विषय में सीओ विजय प्रकाश ने जानकारी देते हुए कहा कि हमें आवेदन मिला है। राजस्व कर्मचारी को इस आवेदन की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद विधि सम्मत पूरी व्यवस्था की जाएगी।