बिहार के मुजफ्फरपुर में 20,000 नए उद्योग-धंधे लगाने की तैयारी। इन नए उद्योगों के लिए जमीन की कोई कमी नहीं है। विभाग के लैंड बैंक में करीब 4,000 एकड़ की जमीन है। इसमें 10,000 एकड़ जमीन और जोड़ा जा रहा है। शनिवार को जिला स्कूल परिसर में उद्योग प्रदर्शनी मेले का शुभारंभ किया और इस दौरान उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने ये बातें कहीं। मंत्री ने कहा, इस उद्योग के जरिए रोजगार को रफ्तार मिलेगा। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत हर जिले में 400 से 500 नए रोजगार की शुरुआत हो रही है। बिहार के बाहर से युवा रोजगार छोड़कर यहां पर उद्योग करने आ रहे हैं। उन्होंने अपने जिले के उत्पाद का खुद उपयोग करने की सलाह दी है।
इस योजना से मुजफ्फरपुर का होगा विकास
मंत्री ने कहा, बिहार मे 8 करोड़ लोगों की आबादी है। इस उद्योग से आने वाले समय में देश के करीब 30 करोड़ लोगों तक अपने उत्पाद को पहुचाएंगे। साथ ही, उद्यमियों को सलाह दी कि वह हर प्रोडक्ट को बेहतर से बेहतर बनाएं, बैंको से जुड़ें और डिजिटल प्लेटफार्मस का इस्तेमाल करे और अपने उत्पाद को डालें। जिससे आपका व्यापार देश ही नहीं बल्कि विदेशो मे भी बढ़े। उन्होंने कहा, मुजफ्फरपुर व्यापार का हब है। इसे मिनी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है। अगर सरकार यहाँ के उद्यमियों का सहयोग करे तो उद्योग का नेटवर्क मजबूत होगा और उसका असर अगल-बगल के जिले में भी होगा।
अपना उद्योग लगाने की राय
विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि अपने इस योजना को लोकल से ग्लोबल तक ले जाना है। इस तरह के मेले से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और मिल रहा है। फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर बल दिया। उन्होंने कहा, लीची, आम, पपीता और अलग-अलग तरह के फलो से जुड़े उद्योग लगाएं। जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि लोगों को छोटे-छोटे समूह बनाकर या खुद का उद्योग लगाकर अपना रोजगार करें और दूसरे को भी रोजगार का अवसर दें।
जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने आए हुए अतिथियों का स्वागत पौधा, प्रतीक चिह्न व अंगवस्त्र से किया। मौके पर उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष नीलकमल, मंत्री विक्रम विक्की, संगठन मंत्री शशांक श्रीवास्तव, आदि लोग भी मौजूद थे।
कई प्रकार के लगाए गए स्टॉल
तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले मे अलग-अलग प्रकार के कई उत्पादों के स्टॉल लगाए गए है। इस मेले में लीची के जूस, लहठी,आचार,रेडिमेड वस्त्र, सेवई, खादी व ग्रामोद्योगी वस्तुओं से लेकर अन्य उत्पादों के स्टॉल लगे है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 10 लाख रुपये की राशि से रोजगार शुरू करने वाले विजय कुमार ने बताया कि अभी केवल 8 लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। अभी प्रत्येक महीने 10 से 15 हजार रुपये की बचत हो जा रही है। सुता पट्टी की आभा चौधरी लोकल लेवल पर रेडिमेड शर्ट और मेडिकल मे काम कर रहे लोगों के लिए एप्रन बना रही हैं।
स्टॉल आकर्षण का केंद्र
एमबीए की पढ़ाई करने के बाद लगी जॉब को छोड़कर दिल्ली से आकर मोजे की फैक्ट्री लगाने वाले प्रभात कुमार ठाकुर ने बताया कि अभी वह केवल 15 लोगों को रोजगार दे रहे हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि उनकीआमदनी 50 हजार से एक लाख के बीच है। इसके अलावा लीची के व्यापार के मालिक केपी ठाकुर ने कहा कि वह जूस और रसगुल्ले का व्यापार करते है। इनका उत्पाद सालों भर रहता है। जोहरा समूह को चलाने वाली रेडलाइट एरिया की महिलाओं की तरफ से रेडिमेड कपड़ों की प्रदर्शनी सबके लिए आकर्षण का केंद्र बनी है। इसी तरह जीविका समूह व अन्य कई उद्यमियों के उत्पादो के स्टॉल लगाए गए है, जो आकर्षण का केंद्र बने हुए है।