Bihar News: नीतीश कुमार ने बदला RJD कोटे के मंत्री का फैसला, 480 अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश को किया रद्द
सार
- नीतीश कुमार ने बदला RJD कोटे के मंत्री का फैसला।
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 480 अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश को किया रद्द।
- ये मंत्री डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं।
- नीतीश कुमार द्वारा लिए इस फैसले पर राजनीति गरमा गई है।
विस्तार
Bihar News: बिहार में एक बार फिर गवर्नेंस के मामले पर बिहार सीएम नीतीश कुमार सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने Revenue and Land Reforms Department में हुए 480 ट्रांसफर को रद्द कर एक सख्त कदम उठाया है।
दरअसल, बिहार के Revenue and Land Reforms Department में जून में 480 अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई थी। जिन्हें अब सीएम नीतीश कुमार द्वारा कैंसिल कर दिया गया है। इस विभाग के मंत्री बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले आलोक मेहता हैं।
नीतीश कुमार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि बिहार की महागठबंधन सरकार के अंदर सब ठीक है या नहीं?
अंचल अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर
- जून में बिहार के Revenue and Land Reforms Department में अलग-अलग पदों पर तैनात कुल 480 पदाधिकारियों के ट्रांसफर हुए थे।
- 30 अधिकारियों को उनके मूल कैडर वापस भेजा गया था।
- इस ट्रांसफर में सबसे अधिक अंचल अधिकारियों यानी (Circle Officer) की संख्या थी।
- ऐसे कुल 395 अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग हुई थी।

नियमों में गड़बड़ी की मिली शिकायत
- विभाग में हुए इन ट्रांसफरों के बाद लगातार इसकी चर्चाएं हो रही थीं।
- साथ ही, यह भी सुनने में आया था कि इस ट्रांसफर में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया है।
- इस विभाग में जून के अंतिम दिन ट्रांसफर-पोस्टिंग की ताबड़तोड़ नोटिफिकेशन जारी की गई थी।
- इस ट्रांसफर में नियमों का ध्यान नहीं रखे जाने और गड़बड़ी की शिकायत सीएम नीतीश कुमार को मिली थी।
- जिसके बाद सभी ट्रांसफर के आदेशों को रद्द कर दिया गया।
ट्रांसफर के नियम है तय
- राज्य सरकार में ट्रांसफर के लिए कुछ नियम तय किए गए है।
- जिसके अनुसार, जून में मंत्री द्वारा अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की जा सकती हैं।
- वहीं, यदि जून में ट्रांसफर ना हो तो दूसरे महीनों में केवल सीएम से मंजूरी मिलने के बाद ही ट्रांसफर हो सकते हैं।
- इसी नियम के अंतर्गत मंत्री आलोक मेहता द्वारा अपने विभाग में जून के आखिरी दिन ताबड़तोड़ ट्रांसफर किए गए थे।
तीन साल से पहले नही कर सकते ट्रांसफर
- ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए तय किए गए नियमों के अनुसार, किसी पदाधिकारी की पोस्टिंग एक स्थान पर 3 साल के लिए होती है।
- यदि किसी विशेष परिस्थिति को छोड़ दिया जाए तो 3 साल से पहले किसी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
- वहीं, इस विभाग में तकरीबन 70% से अधिक अंचल अधिकारी ट्रांसफर हुए हैं।
- जिसमें 3 साल की बाध्यता के नियमों का पालन नहीं किया गया।

नीतीश ने दिया RJD को मैसेज
- नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के सबसे करीबी मंत्री के इस फैसले को बदल दिया है।
- ट्रांसफर पोस्टिंग की इस बात को लेकर मंत्री के आदेश पर को सीएम में रद्द कर दिया था।
- ऐसे में सीएम नीतीश कुमार ने सीधे-सीधे आरजेडी को ये मैसेज दे दिया है कि वह ये सरकार अपनी शर्तों पर ही चलाएंगे।
पिछले साल भी ऐसा था हुआ
- जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इसी विभाग से जुड़े ट्रांसफर के आदेश को पिछले वर्ष भी सीएम के आदेश पर रद्द किया गया था।
- उस वक्त नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार चला रहे थे।
- वहीं, Revenue and Land Reforms Department की जिम्मेदारी बीजेपी कोटे के मंत्री रामसूरत राय द्वारा संभाली जा रही थी।
- वर्ष 2022 में भी इस विभाग के अंदर ट्रांसफर पोस्टिंग की जानकारी नीतीश कुमार को लगी थी।
- जिसके बाद, उन्होंने बीजेपी कोटे के मंत्री के आदेश को कैंसिल कर दिया था।
- अब एक बार फिर से वही कहानी RJD कोटे के मंत्री के साथ हुई है।
- ये देखना मज़ेदार होगा कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी इस फैसले को किस तरह लेते हैं।