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बिजली, शौचालय देकर सुस्ता पर कब्जा करने की कोशिश मे नेपाल

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बिजली और शौचालय देकर बगहा के सुस्ता गाँव पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है नेपाल। इस मामले मे केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। 

बिहार: भारत-नेपाल सीमा से सटे गाँव सुस्ता पर कब्जा करने के लिए नेपाल ने एक नया दांव खेल है। गाँव के लोगों को अपनी तरफ करने के लिए नेपाल गाँव के हर घर मे बिजली कनेक्शन और शौचालय बनाने की तैयारी मे लगा हुआ है। साथ ही, गाँव मे अस्पताल बनाने की तैयारी भी शुरू है। नेपाल पहले ही यहाँ एक “सिक्युरिटी गार्ड पोस्ट” खोल चुका है। वहीं दूसरी तरफ, आईबी की तरफ से होम मिनिस्ट्री को नेपाल द्वारा किए जा रहे काम के बारे मे रिपोर्ट भेजने और एसएसबी द्वारा कई बार सूचना देने के बावजूद भारत की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

नेपाल के संसदीय क्षेत्र संख्या 6 के सांसद ने सुस्ता के हर घर मे बिजली देने और शौचालय बनवाने की घोषणा की है। साथ ही, शौचालय बनवाने के लिए सभी घरों को 2 बोरी सिमेन्ट और 1 क्विंटल छड़ भी दिए है।  स्थानीय लोगों का कहना है कि सुस्त थाने के रेनोवेशन कि भी योजना बनाई गई है। सुस्ता के लोगों का कहना है कि नेपाल सरकार व्यापार आदि के लिए लोगों को कर्ज आदि कि व्यवस्था भी करवा रही है।

बिजली, शौचालय देकर सुस्ता पर कब्जा करने की कोशिश मे नेपाल
बिजली, शौचालय देकर सुस्ता पर कब्जा करने की कोशिश मे नेपाल

सुस्ता के लोगों का कहना है कि नेपाल सरकार की ओर से खेती के लिए किसी को 5 एकड़ तो किसी को 10 एकड़ की जमीन का लाल पर्चा दिया गए है। सुस्ता की 5 हजार एकड़ की जमीन को लेकर भारत-नेपाल के बीच आज से ही नहीं बल्कि 60 के दशक से ही विवाद चल रहा है। इस इलाके मे भारत-नेपाल की सीमा को गंडक नदी द्वारा निश्चित किया जाता है।

स्थानीय लोगों और एसएसबी अधिकारी ने क्या कहा 

एसएसबी कमांडेंट का कहना है कि 60 के दशक मे जब गंडक नदी ने अपनी धारा बदली उसके बाद से ही ये विवाद शुरू हुआ। सुस्त भारत का एक गाँव है। वहाँ के हालातों के बारे मे सीनियर अफसरों को सूचित कर दिया गया है। वहाँ के लोगों का कहना है कि धनाहिया के पास करीब 400 एकड़ भारतीय भूमि को नेपाल ने अपने कब्जे मे ले लिया है। उसकी नजर अब धनाहिया पर भी है।

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अन्य निवासियों का कहना है कि अब यह भारतीय गाँव नहीं लगता क्योंकि जरूरत का हर सामान नेपाल से ही आता है। पहले कभी-कभी बिहार के अधिकारी यहाँ आ जाया करते थे पर अब कोई नहीं आता। दूसरे निवासी, का कहना है कि मैंने 5 साल पहले घर बनवाना शुरू किया था लेकिन एसएसबी वालों ने रोक लगा दिया था। नेपाल के गार्ड ने सुरक्षा का आश्वासन दिया तब जाकर मैंने अपना पक्का घर बनवाया।

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