बर्थ सर्टिफिकेट होगा सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल; मोदी सरकार ने लोकसभा में पेश किया नया बिल; जानें इसकी पूरी डिटेल्स
सार
- मोदी सरकार द्वारा 50 वर्ष पुराने कानून में संशोधन किया जा रहा है।
- जिसको लेकर लोकसभा में एक बिल पेश किया गया है।
- इसके लिए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ‘Registration of Birth and Death (अमेंडमेंट) बिल 2023’ पेश किया है।
क्या-क्या प्रावधान है इस बिल में और इससे कैसे फायदा होगा? समझिए यहां…
विस्तार
केंद्र की बीजेपी द्वारा बुधवार को लोकसभा में एक नया बिल पेश किया गया है। यदि इस बिल का कानून बन जाता है तो इसके बाद बर्थ सर्टिफिकेट को एक सिंगल डॉक्यूमेंट की रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इसको लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा बुधवार को लोकसभा में ‘Registration of Birth and Death (अमेंडमेंट) बिल 2023’ पेश किया गया है। ये बिल 1969 के Registration of Birth and Death कानून को परिवर्तित करेगा।
प्रस्तावित किए गए इस बिल में जन्म और मृत्यु के डिजिटल रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है। साथ ही इस बिल में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जन्म और मृत्यु का डेटाबेस तैयार करने का प्रावधान भी है। जिसकी मदद से अन्य डेटाबेस को अपडेट करने में मदद होगी।
वहीं, इस बिल को लेकर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी द्वारा विरोध किया गया है। उन्होंने ये दावा किया है कि इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
इस बिल के बारे में डिटेल्स –
- इस बिल के अनुसार, बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट्स का डिजिटली रजिस्ट्रेशन होगा।
- बिल में प्रावधान है कि रजिस्टर्ड जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर डेटाबेस तैयार होगा।

बिल के कानून बन जाने पर इन जगहों पर बर्थ सर्टिफिकेट को सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में यूज किया जा सकेगा-
- शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में
- वोटर लिस्ट तैयार करने में
- केंद्र या राज्य सरकार में पदों पर नियुक्ति के लिए।
- जन्म और मृत्यु का एक डेटाबेस तैयार होगा।
- जिससे दूसरे राष्ट्रीय डेटाबेस को अपडेट करने में मदद होगी।
- इसके अंदर Electoral Roll, Population Register and Ration Card जैसे कई डेटाबेस शामिल होंगे।
- इस बिल में डेथ सर्टिफिकेट को जारी करना जरूरी कर दिया है।
- यदि किसी की मृत्यु अस्पताल में होती है तो वो डेथ सर्टिफिकेट जारी करेगा।
- वहीं यदि बाहर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसका डेथ सर्टिफिकेट उसका देखभाल करने वाला डॉक्टर या मेडिकल प्रैक्टिशनर देगा।
- इस बिल के अंतर्गत, रजिस्ट्रार द्वारा बर्थ और डेथ का रजिस्ट्रेशन फ्री में करना होगा।
- ये सर्टिफिकेट सात दिन के अंदर संबंधित व्यक्ति को देना होगा।
- इसके अलावा, यदि किसी को रजिस्ट्रार के किसी काम से कोई शिकायत होती है तो 30 दिन के अंदर उसकी अपील करनी होगी।
- वहीं, रजिस्ट्रार को 90 दिन के अंदर अपना जवाब देना होगा।
देना होगा अपना आधार डिटेल
- इस बिल के मुताबिक, जो व्यक्ति बर्थ और डेथ की जानकारी दे रहा है उसको अपना आधार नंबर भी देना होगा।
उदाहरण के लिए-
- यदि किसी बच्चे का जन्म अस्पताल में होता है तो वहां का मेडिकल ऑफिसर बर्थ की जानकारी देगा। साथ ही, इसके लिए अपना आधार नंबर भी देना होगा।
- यदि बच्चे का जन्म जेल में होता है तो उसकी जानकारी जेलर देगा।
- वहीं यदि बच्चा किसी होटल या लॉज में जन्म लेता है तो वहां का मालिक इसकी जानकारी देगा।
- इसी प्रकार यदि कोई बच्चा गोद लेता है तो उसकी जानकारी माता-पिता को देनी होगी।
- इसके अलावा कोई बच्चा सेरोगेसी से पैदा हुआ है तो इसकी जानकारी माता-पिता को देनी होगी।

क्या है इसका फायदा
- गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी देते हुए कहा कि बर्थ और डेथ का डेटाबेस बनाने में मदद मिलेगी।
- जिससे दूसरी सेवाओं से जुड़े डेटाबेस को तैयार करने और अपडेट करने में मदद मिलेगी।
- वहीं, कुछ समय पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस बिल के विषय में बताया था।
- कहा था कि डेथ और बर्थ रजिस्टर को इलेक्टोरल रोल से जोड़ा जाएगा।
- जिससे जब कोई व्यक्ति 18 वर्ष का होता है तो उसका नाम स्वयं ही वोटर लिस्ट में जुड़ जाएगा।
- वहीं यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो इसकी जानकारी चुनाव आयोग के पास पहुंच जाएगी।
- जिसके बाद उसका नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
- इसके अलावा, बर्थ और डेथ का रजिस्ट्रेशन होने पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, पासपोर्ट बनवाने, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करवाने जैसे काम भी आसानी से हो पाएंगे।