मध्य प्रदेश में बच्चे कर रहे है नशा, 7 वर्ष की लड़कियां पी रही बीड़ी और सिगरेट।
हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश को लेकर कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसमें, मध्य प्रदेश में युवाओं के बीच दिन पर दिन तम्बाकु से बने सामानों के इस्तेमाल करने को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। जो बेहद ही चौकाने वाला है।
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Global Youth Tobacco Survey की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में 7 वर्ष की उम्र से ही लड़कियां सिगरेट पीना शुरू कर देती हैं। साथ ही, इस सर्वे के दौरान यह भी पता चला है कि वहां के लड़के आमतौर पर साढ़े ग्यारह वर्ष की उम्र से ही सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं।
इस बारे में नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर, प्रियंका दास ने भोपाल में बने ताज होटल में आयोजित किए गए उमंग स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम में जानकारी दी है। इस कार्यक्रम के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने Global Youth Tobacco Survey की रिपोर्ट को भी जारी किया।
सर्वे में बेहद चौकाने वाले आंकड़े
इस किए गए सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, लड़कियों के नशा करने की उम्र को लेकर नेशनल रेट तकरीबन 9 वर्ष 3 माह है। वही, अगर लड़कों की उम्र की बात की जाए तो वह 10 वर्ष 4 माह है। मध्य प्रदेश में हुए इस सर्वे रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि राज्य में लगभग 2.10 % लड़कियां और 2.40 % लड़के सिगरेट पीते हैं। साथ ही, 1 % लड़कियां बीड़ी पीने की भी शौकीन हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में तकरीबन 4.40 % लड़के और 3.50 % लड़कियां किसी ना किसी रूप में तंबाकू और नशीले पदार्थो का सेवन करते हैं। नशा करने वाले इन लड़कों और लड़कियों की उम्र 13 से 15 साल के बीच होती है। हुए सर्वे के अनुसार युवाओं में तंबाकू का उपयोग करने को लेकर 35 दूसरे राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश का स्थान 29वें नंबर पर आता है।
एमपी में छोटे बच्चों में बढ़ती नशे की लत
मध्य प्रदेश में इस तरह छोटे बच्चों में तंबाकू की बढ़ती हुई लत वाकई हैरान और परेशान करने वाली बात है। National Health Mission की डायरेक्टर प्रियंका दास के अनुसार, मध्य प्रदेश की हर 100 में से करीब 7 लड़कियां सिगरेट पी रही हैं। जिसमें औसतन 7 वर्ष की आयु में ही लड़कियां सिगरेट पीना सीख जाती हैं और नशा करना शुरू कर देती हैं।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा नशे के खिलाफ समय-समय पर अभियान भी चलाए जा रहें है लेकिन इस सर्वे में बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इतने अभियान चलाने के बावजूद इसका असर सार्वजनिक तौर पर देखने को नहीं मिल रहा है।
सिगरेट पीने वाले युवा (data percentage)
युवा – भारत – मध्यप्रदेश
बीड़ी पीने वाले युवा (data percentage)
देश में इलेक्ट्रानिक सिगरेट (data percentage)
एमपी में इलेक्ट्रानिक सिगरेट (data percentage)
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हॉस्टल और प्राइवेट रूम में रह रही लड़कियों मे अधिक नशे की लत
नशे की चपेट में आने वाले सबसे अधिक हॉस्टल और प्राइवेट रूम में रहने वाली छात्राएं है। इसका सबसे बड़ा कारण है हॉस्टल और प्राइवेट रूम में परिवारजनों की पाबंदियों का नहीं होना। शायद यही एक सबसे बड़ी वजह है कि युवाओं को अपने तनाव दूर करने के लिए ऐसे नशा कर रहे है।
इस प्रकार छात्राओं के नशे के प्रति दिन पर दिन बढ़ते आकर्षण के कारण समाज में एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशे के खिलाफ अभियान को और अधिक भी तेजी से चलाना होगा।
स्टेटस के कारण भी नशे के पीछे भागते विद्यार्थी
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो ये है कि कुछ विद्यार्थी अपना स्टेटस लेवल ऊंचा दिखाने के लिए अपने साथियों की तरह नशे के पीछे भागने लगते हैं।
जब कोई अनपढ़ या असाक्षर व्यक्ति इस प्रकार के कोई गलत काम करते है तो साक्षरता का बहाना बना लिया जाता है और कह दिया जाता है कि जागरूकता की कमी है। लेकिन जब छात्राओं का नशे के प्रति आकर्षण बढ़ता है तो यह निश्चित रूप से समाज के लिए बेहद ही घातक साबित होने वाली बात है।