Heart Attack: दिल का दौरा पड़ने का कारण और लक्षण; जानें इसके आयुर्वेदिक उपचार
Concept
- हार्ट अटैक क्यों होता है?
- ह्रदयघात के लक्षण
- दिल का दौरा पड़ने का कारण
- इसका इलाज क्या है ?
- ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ?
- कितना सेवन करें ?
- कब पिये ?
- इसके अलावा ऐसे करे सेवन
- पीपल के पत्ते से करे हार्ट ब्लॉकेज का इलाज
- इस तरह पिएं पीपल के पत्ते का काढ़ा
- इन चीजों का न करें सेवन
- इन चीजों का करे सेवन
हार्ट अटैक -: भारत में 3000 वर्ष पूर्व एक बहुत बड़े ऋषि हुए थे। जिनका नाम था महाऋषि वागवट जी। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थीं, जिसका नाम है, अष्टांग हृदयम Astang hrudayam इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए तकरीबन 7000 सूत्र लिखें थे। यह उनमें से ही एक सूत्र है।
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि हार्ट अटैक होने के कारण क्या है, उसके लक्षण कौन कौन से है, साथ ही हम जानेंगे कि इस बीमारी से हम कैसे बच सकते है।
हार्ट अटैक क्यों होता है?
वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है अर्थात दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है तो इसका मतलब है कि रक्त blood में अम्लता acidity बढ़ी हुई है।
अम्लता acidity दो तरह की होती है एक होती है पेट की अम्लता और दूसरी होती है रक्त blood की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आपके पेट में जलन होने लगती है, खट्टी खट्टी डकार आने लगती हैं , मुंह से पानी निकलने लगता है और अगर ये अम्लता acidity और बढ़ जाए तो hyperacidity होगी।
यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता blood acidity होती है। जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है और इन्ही कारणों से heart attack होता है।
ह्रदयघात के लक्षण
जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है उन्हे ये नीचे बताए गए लक्षण महसूस कर सकता है जिससे उसे दिल का दौरा पड़ सकता है-
- सीने में बेचैनी और दर्द
- ठंडा पसीना (खासकर रात में)
- बाहों, गर्दन, जबड़े और कंधे के ब्लेड के बीच में दर्द
- थकान और चक्कर आना
- हल्कापन
- दिल में जलन
- मितली
- खट्टी डकार
- दिल की घबराहट
- छाती में दबाव महसूस होना
- सांस की तकलीफ
- चिंता
दिल का दौरा पड़ने का कारण
- हृदय की रुकावट
- उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
- मधुमेह (Diabetes)
- मोटापा
- दिल के दौरे का पारिवारिक इतिहास
- भौतिक निष्क्रियता
- जीवन में तनाव
- चयापचय संबंधी रोग (Metabolic Diseases)
- दवाएं
- नशीले पदार्थ का अधिक सेवन
- स्व – प्रतिरक्षित विकार (Autoimmune Disorder)
- जीवन शैली कारक
- तला हुआ भोजन, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड भोजन सहित वसा युक्त भोजन जैसे अनहेल्दी भोजन का सेवन
- बढ़ती उम्र
इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं क्योंकि इसका इलाज सबसे आसान है !

इसका इलाज क्या है ?
वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त में अम्लता बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करें जो क्षारीय alkeline हैं। आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय acidic and alkaline!
अब अम्ल और क्षार acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? जब अम्ल और क्षार को मिला दििया जाए तो neutral होता है जो सब जानते हैं। अब वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ ! तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी ! और रक्त में अम्लता neutral हो गई ! तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं !
ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ?
आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं।
सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं। इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है। तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खाए। वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें।
कितना सेवन करें ?
रोज 200 से 300 मिलीग्राम पिए।
कब पिये ?
सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं।
इसके अलावा ऐसे करे सेवन
- इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं।
- इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लें, तुलसी बहुत क्षारीय है।
- अब इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है
- इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ये भी बहुत क्षारीय है।
- लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले।
- ये आयोडीन युक्त नमक अम्लीय है।
- अब आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें।
- 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा।
- 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा।
- कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जायेंगे।
पीपल के पत्ते से करे हार्ट ब्लॉकेज का इलाज
99% हार्ट अटैक (ब्लॉकेज) को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता….!!
- पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों।
- प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
- पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें।
- अब इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें।
- जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार है।
- इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें।
- हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती।
दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

इस तरह पिएं पीपल के पत्ते का काढ़ा
- पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
- इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
- खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
इन चीजों का न करें सेवन
- इस काढ़े का इस्तेमाल करते समय तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।

इन चीजों का करे सेवन
अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई सलाह महाऋषि वागवट जी की अष्टांग हृदयम पुस्तक से ली गई है। इसमें एक आयुर्वेदिक उपचार दिया गया है इसके प्रयोग से कोई हानि नहीं होगी। लेकिन कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।