काशी में सात मार्च को मनाया जाएगा होली का त्योहार
सार
- काशी में 6 मार्च को होलिका दहन।
- 7 मार्च को मनाया जाएगा होली का त्योहार।
- श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के बाद श्रीकाशी विद्वत परिषद ने भी दी मंजूरी।
- काशी में छह मार्च को होलिका दहन और सात मार्च को रंगोत्सव को धर्मसंमत बताया।

विस्तार
वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के बाद अब श्रीकाशी विद्वत परिषद ने भी काशी में छह मार्च को होलिका दहन और सात मार्च को रंगोत्सव को धर्मसंमत बताया है। परिषद के विद्वानों द्वारा शुक्रवार को विचार-विमर्श के बाद जनहित में यह निर्णय लिया गया है। परिषद के अध्यक्ष पद्मभूषण पं. वशिष्ठ त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि काशी व देश के अन्य हिस्सों में प्रकाशित होने वाले प्रमाणित पंचांगों के साथ-साथ धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु आदि ग्रंथों के आलोक में विचार किया गया है।

काशी की परम्परा रही है कि होली का उत्सव देश के अन्य हिस्सों से एक दिन पहले मनाया जाता रहा है। परम्परा और पंचांग दोनों ही दृष्टि से छह मार्च की रात्रि 12 बजकर 23 मिनट से 1 बजकर 34 मिनट तक होलिका दहन किया जाना चाहिए। अगले दिन सात मार्च को रंग खेला जाएगा।
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