डिलीवरी के लिए नर्स ने मांगे पैसे, नहीं देने पर 5 घंटे तक करवाया इंतजार, नवजात बच्चे की हुई मौत।
सार
ये घटना झारखंड के लातेहार जिले के हेरहंज प्रखंड मुख्यालय में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां कल (शनिवार) को एक दलित समुदाय की गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए आई थी। लेकिन यहां दो नर्सों ने डिलीवरी से पहले नेग के रूप में 18 हजार रुपयों मांगे। रूपये न देने पर डिलीवरी करने के लिए 5 घंटे तक इंतजार करवाया।
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विवरण
झारखंड के लातेहार जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। जिसमें अस्पताल की दो नर्सों द्वारा 18 हजार रुपये के नेग के लिए एक दलित समुदाय की प्रसव करवाने आई महिला को पांच घंटे तक इंतजार करवाया गया। बाद में उस महिला के परिवार वालों ने अपनी कान की बाली निकाल कर दे दी। जिसके बाद डिलीवरी कराया गया, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी, देर होने के कारण नवजात की गर्भ में ही मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद पीड़ित महिला के परिवार वालों द्वारा आरोपी नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाई गई है। पुलिस द्वारा आरोपी नर्सों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
बच्चे की हुई मौत
ये घटना लातेहार जिले के हेरहंज प्रखंड मुख्यालय के स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है। जहां कल (शनिवार) को एक दलित समुदाय की गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए आई थी। जहां दो नर्सों द्वारा डिलीवरी करने से पहले नेग के रूप में 18 हजार रुपयों की मांग की गई। जिसके बाद, महिला के परिवार वालों द्वारा इतने ज्यादा रूपये न दे पाने की बात कही, जिस पर नर्सों ने डिलीवरी को ही रोक दिया। अंत में हार मानकर करीब 5 घंटे के बाद परिजनों ने दोनो नर्सों को अपने कान की बाली निकाल कर दे दी।
जिसके बाद महिला की डिलीवरी कराई गई। लेकिन देर होने के कारण गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। जब इस बारे में परिजनों को जानकारी मिली तो उन्होंने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद हरकत में आए अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया गया।

5 घंटे तक दर्द से तड़पती रही पीड़ित महिला
पीड़ित महिला के परिवार वालों ने इस घटना के बारे में बताया कि प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिवार के लोग महिला को अस्पताल ले कर आए थे। उसे बहुत ज्यादा ही दर्द हो रहा था। इसके बावजूद उन लालची नर्सों ने पैसों के लिए 5 घंटे तक डिलीवरी रोके रही।
पीड़ित परिजनों ने बताया कि अगर समय से डिलीवरी हो गई होती तो बच्चे की जान न जाती वह बच गया होता। इस घटना के बाद परिजनों द्वारा अस्पताल में हंगामा किया गया। हंगामे की सूचना मिलने पर वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुरेश राम और बीडीओ प्रदीप कुमार दास मौके पर पहुंचे। जिसके बाद, उन्होंने पीड़ित परिवार से बातचीत की और दोनों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। वहीं, परिवार वालों के कहने पर पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है।
बीजेपी द्वारा नर्सों की बर्खास्तगी की मांग
झारखंड में दलित परिवार के साथ हुए इस शर्मनाक घटना को लेकर बीजेपी द्वारा हमला बोला गया है। बीजेपी नेता और प्रदेश के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव द्वारा हेरहंज प्रखंड पहुंच कर दोनों नर्सों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और दोनो को तुरंत उनकी नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है। साथ ही, उन्होंने बात करते हुए कहा कि जिस तरह एक दलित परिवार की बेटी की डिलीवरी केवल कुछ पैसों के लिए पूरे 5 घंटे तक रोक दिया गया, यह एक बेहद ही गंभीर मामला है। उन्होंने इस मामले को लेकर न्यायिक जांच कराने की मांग की है।