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Odissa Train Accident: उड़ीसा ट्रेन हादसा कैसे हुआ, कौन है इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार

Balasore Train Accident: ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में प्रभावित बिहार राज्य के यात्रियों के संबंध में अपडेट्स
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Odissa Train Accident: उड़ीसा ट्रेन हादसा कैसे हुआ, कौन है इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार

Odissa Train Accident: स्टेशन मास्टर शरीफ 3 ट्रेन की दुर्घटना के बाद गायब लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी कोरोमण्डल एक्सप्रेस को थ्रू पास का सिग्नल दिया गया था फिर सिग्नल कैंसिल किया गया एक ऐसा सवाल जो पूरा राष्ट्र जानना चाहेगा कि चलो सिग्नल कैंसिल किया पर ट्रेन लूप लाइन पर कैसे गई जब लूप लाइन पर पहले ही मालगाड़ी खड़ी हुई थी ?

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ऐसे होता है ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर शिफ्ट

एक लाइन से ट्रेन को दूसरी लाइन पर डालने के लिए कैंची डाली जाती है। जिसे लिवर के माध्यम से बदला जाता है, तब ही ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर शिफ्ट होगी। अगर रेलवे कर्मचारी लिवर चेंज नही करेगा तो गाड़ी अपने सीधे ट्रैक पर चलती रहेगी। इस 3 गाड़ियों के एक्सीडेंट का रहस्य लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के ही लूप लाइन पर जाकर 128 किलोमीटर प्रति घण्टे की स्पीड से टकराई कोरोमण्डल एक्सप्रेस से है।

डबल ट्रैक पर अप व डाउन ट्रैक होते हैं। लूप लाइन हर स्टेशन पर एक्सट्रा लाइन होती है, जो मुश्किल से दो किलोमीटर के आसपास होती है ।

Odissa Train Accident: उड़ीसा ट्रेन हादसा कैसे हुआ, कौन है इस दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार
उड़ीसा ट्रेन हादसा (सोशल मीडिया फोटो)

ऐसे हुआ हादसा

जब कोरोमण्डल एक्सप्रेस मालगड़ी से टकराई तो हादसा इतना भीषण था कि कोरोमण्डल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के डब्बे पर चढ़ गया और इंजन के डब्बे बंगलोर से हावड़ा जाने वाली सुपरफास्ट जो 117 किलोमीटर की स्पीड पर थी दुर्घटना स्थल से आगे भी बढ़ चुकी थी। पीछे के 3 डब्बों से कोरोमण्डल एक्सप्रेस के डब्बे टकरा गए कोरोमण्डल एक्सप्रैस के 13 डब्बे क्षतिग्रस्त हुए ।

ऐसा माना जा रहा है  कि ये ट्रेन कोई हादसा नही बल्कि सोची समझी साजिश है। ट्रेन को सिग्नल देकर सिग्नल कैंसिल करने की साजिश। फिर सिग्नल कैंसिल हो गया पर ट्रेन पटरी बदलकर अपने आप तो लूप लाइन पर नही गई। रेलवे कर्मचारी द्वारा ही उसे लूप लाइन पर लिवर के जरिये शिफ्ट किया गया होगा।

मालगाड़ी सेफ लूप लाइन पर थी

अगर ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद सीधी अपने ट्रैक पर सिग्नल से गाड़ी क्रॉस हो चुकी थी या तेज स्पीड के कारण ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद भी आगे बढ़ी ये अलग विषय है। सवाल तो ये है कि कोरोमण्डल एक्सप्रेस लूप लाइन पर शिफ्ट नही होती तो मालगाड़ी से नही टकराती और कोरोमण्डल एक्सप्रेस वे बंगलोर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन अपने अपने ट्रैक पर आगे बढ़ जाती। क्योंकि सिंगल लाइन ट्रैक नही डबल लाइन ट्रैक था मालगाड़ी सेफ लूप लाइन पर खड़ी थी ।

स्टेशन मास्टर शरीफ है फरार

ये तीनों ट्रेनों का एक्सीडेंट कोई हादसा नही, कोई लापरवाही नही बल्कि जानबूझकर स्टेशन मास्टर शरीफ जो इस समय फरार है लूप लाइन पर कोरोमण्डल एक्सप्रेस को पहले से खड़ी मालगाड़ी के लूप लाइन पर डालकर ये एक्सीडेंट करवाया।

इस दुर्घटना की जांच की जा रही है। जांच में सभी चेहरे बेनकाब होंगे यदि इस हादसे में स्टेशन मास्टर शरीफ की संलिप्तता उजागर होती है तो ये “बाड़ के द्वारा खेत खाने” की कहावत चरितार्थ हो जाएगी। बहुत जल्द साजिश की परतें खुलेंगी सच देश के सामने आएगा ।

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गौतम अडानी ने हादसे में मरे लोगों के बच्चों की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी ली

गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा “उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं। हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडाणी समूह उठाएगा। पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।

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