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6 घंटे दर्द से तड़पती रही गर्भवती HIV पॉजिटिव महिला, छूने से कतराते रहे डॉक्टर, नवजात शिशु की हुई मौत

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6 घंटे दर्द से तड़पती रही गर्भवती HIV पॉजिटिव महिला, छूने से कतराते रहे डॉक्टर, नवजात शिशु की हुई मौत ।

उत्तर प्रदेश: यूपी के फिरोजाबाद जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे सुन आपका भी मानवता पर से विश्वास खत्म हो जाएगा। एक HIV + प्रेगनेंट औरत  6 घंटे से भी अधिक समय तक स्ट्रेचर पर पड़ी दर्द से तड़पती रही। लेकिन हॉस्पिटल के डॉक्टरों और स्टॉफ ने महिला की डिलीवरी कराना तो दूर उसे छुआ भी नहीं।

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जिसके बाद, रात के समय जब हॉस्पिटल में शिफ्ट चेंज हुआ तो एक नर्स ने महिला की डिलीवरी कराई। डिलीवरी में बहुत ज्यादा देरी होने के कारण नवजात बच्चे की हालत बिगड़ गई और सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। उस नवजात की मौत और अस्पताल प्रशासन के ऐसे रवैये पर परिजनों ने हॉस्पिटल के सामने जमकर हंगामा किया। करबला की रहने वाली एक महिला की HIV की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

6 घंटे दर्द से तड़पती रही गर्भवती HIV पॉजिटिव महिला, छूने से कतराते रहे डॉक्टर, नवजात शिशु की हुई मौत
6 घंटे दर्द से तड़पती रही गर्भवती HIV पॉजिटिव महिला

हॉस्पिटल स्टाफ और डॉक्टरों ने छुआ तक नहीं

नौ महीने की प्रेगनेसी पूरी होने के बाद जब महिला को पेट में दर्द हुआ तो उसके परिवार वाले रविवार को उसे लेकर मेडिकल कॉलेज के सौ शैय्या हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पर हॉस्पिटल स्टाफ ने महिला की फाइल देखी जिसमें HIV पॉजिटिव रिपोर्ट देखकर स्टाफ ने अपने हाथ खड़े कर दिए। इस दौरान गर्भवती महिला घंटों तक दर्द से तड़पती रही। लेकिन कोई भी उसके पास नहीं आया।

परिवार वालों ने डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब डिलीवरी कराने के लिए वह मिन्नतें कर रहे थे तो स्टाफ द्वारा परिजनों के साथ बद्तमीजी की गई। जिसके बाद HIV पॉजिटिव मरीजों को चिन्हांकित करने वाली NGO आहाना परियोजना की सरिता यादव ने स्वास्थ्य अधिकारियों को इस पूरे मामले की जानकारी दी।

परिजनों द्वारा किया गया हंगामा

डिलीवरी में घंटों की देरी होने के कारण नवजात की हालत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे तुरंत SNCU में भर्ती कराया गया। जहां सोमवार को नवजात की मौत हो गई, जिस पर परिजनों ने हॉस्पिटल स्टाफ पर मरीज के साथ लापरवाही करने का आरोप लगाया और शव को लेने से इंकार कर दिया। महिला के परिवार वालों ने हॉस्पिटल की लापरवाही पर डॉक्टर और स्टाफ पर कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं काफी समझाने बुझाने के बाद परिजन नवजात के शव को घर लेकर जाने को मान गए। पीड़िता के घरवालों का कहना है कि किसी तरह से महिला की डिलीवरी हो गई लेकिन डिलीवर के बाद टांके भी नहीं लगाए गए। HIV पॉजिटिव महिला के परिवार वालों को ही ट्यूब दे दिया गया।

इस मामले को लेकर हो रही है जांच

हॉस्पिटल में सही इलाज न मिल पाने के कारण गर्भवती को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूती रोग की डिपार्टमेंट हेड डॉ. प्रेरणा उपाध्याय ने कहा कि HIV पॉजिटिव महिला का यह पहला बच्चा था। डिलीवरी में हुई देरी के कारण बच्चे की मृत्य हुई। डिलीवरी कराने में देरी का क्या कारण है।

इन मामले को लेकर जांच कराई जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरी नहीं है कि हर नार्मल डिलीवरी में हर महिला को टांके लगाए जाएं। यह केवल जरूरत पर ही निर्भर करता है। फिलहाल, इस मामले को लेकर जांच की जा रही है।

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