Banks: सरकारी बैंकों को तीसरी तिमाही का रिकॉर्ड हुआ 28,719 करोड़ रुपए का लाभ, प्रॉफिट में अकेले SBI की 50% की हिस्सेदारी।
हाइलाइट
- एनपीए में कमी और कर्ज की मांग में तेजी से 11 सरकारी बैंकों ने 28,719 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
- तमाम बैंकों की बैलेंसशीट से पता चलता है कि सभी बैंकों ने मुनाफा कमाया है।
- पांच बड़े बैंकों का तीसरी तिमाही में हाल।
- पांच साल तक घाटे में रहे बैंक।
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विस्तार
एनपीए में कमी और कर्ज की मांग में तेजी से 11 सरकारी बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में रिकॉर्ड 28,719 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें अकेले एसबीआई की हिस्सेदारी 50 फीसदी है, जिसने 14,205 करोड़ का मुनाफा कमाया है।
इस दौरान इन बैंकों का एनपीए भी 4 फीसदी से नीचे आ गया है।
सभी बैंकों की बैलेंसशीट
तमाम बैंकों की बैलेंसशीट से पता चलता है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 458 करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 278 करोड़ रूपये था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 325 करोड़ रूपये की तुलना में 775 करोड़ रूपये का लाभ कमाया है। वही, इंडियन बैंक ने 1,396 करोड़ रूपये और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 373 करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया है। हालांकि, पंजाब नेशनल बैंक का लाभ 1,127 करोड़ रूपये से घटकर 629 करोड़ रूपये रह गया है।

04 फीसदी के स्तर से नीचे आ गया इन बैंकों का एनपीए।
पांच बड़े बैंकों का तीसरी तिमाही में हाल
बैंक Profit Net NPA Loan growth
एसबीआई 14,205 0.77% 9.51%
बैंक ऑफ बड़ौदा 3,853 0.99% 16.2%
केनरा बैंक 2,981 1.96% 14.11%
यूनियन बैंक 2,245 2.14% 20.09%
बैंक ऑफ इंडिया 1,151 1.61% 16.08%
(फायदा : करोड़ रुपये में)
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पांच साल तक घाटे में रहे बैंक
आंकड़े बताते हैं कि 2015-16 से 2019-20 तक के बीच यानी पिछले पांच साल इन बैंकों द्वारा लगातार घाटा दिया गया है। 2017-18 में सबसे अधिक 85,370 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2018-19 में 66,636 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2009-10 से 2014-15 तक ये सरकारी बैंक फायदे में चल रही थी। फाइनेंशियल ईयर 2018 में कुल 21 सरकारी बैंक में से केवल 2 बैंको ने लाभ कमाए थे।
12 सरकारी बैंकों द्वारा 2020-21 में 31,820 करोड़ रूपए का मुनाफा कमाया गया था। करंट फाइनेंशियल ईयर की सितंबर की तिमाही में यह आंकड़ा 25,685 करोड़ रूपए का था। इसमें भी आधा यानी 13,256 करोड़ रूपये एसबीआई ने कमाया था।