Sole Eyewitness Now Suspect: बठिंडा मिलिट्री स्टेशन फायरिंग में खुद को चश्मदीद बता रहा आदमी ही निकला चार जवानों का कातिल, जानें कैसे खुला ये राज
सार
- पंजाब के बठिंडा में हुए मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग की वारदात में चार जवानों की मौत का मामले पर से उठा पर्दा।
- 12 अप्रैल को हुई थी मिलिट्री स्टेशन में गोलीबारी।
- मिलिट्री स्टेशन से एक इंसास राइफल हुई थी चोरी।
- चश्मदीद जवान ही निकला गुनहगार।
विस्तार
Bathinda Military Station Shootout: पंजाब के बठिंडा में हुए मिलिट्री स्टेशन में फायरिंग की वारदात में चार जवानों की मौत हो गई थी। मिलिट्री स्टेशन में हुए इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा रखे थे। इस वारदात को लेकर कई सवाल उठ रहे थे।
- जैसे इतना बड़ा हमला हुआ, कैसे इस हमले को अंजाम दिया गया?
- सुरक्षा में आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?
- इतनी मजबूत सुरक्षा के बावजूद हमलावर स्टेशन में घुसा कैसे?
लेकिन अब इस पूरे मामले से पर्दा उठ चुका है और जो बात सामने निकलकर आई है, वो बेहद ही चौंकाने वाली बात है।
तो आइए अब हम इस पूरे मामले को क्रमबद्ध तरीके से समझते हैं।
12 अप्रैल को हुई थी मिलिट्री स्टेशन में गोलीबारी
पंजाब के बठिंडा में स्थित मिलिट्री स्टेशन के मेस में 12 अप्रैल की सुबह तड़के 4 बजकर 35 मिनट पर गोलियों की आवाज से पूरा मिलिट्री स्टेशन गूंज उठा। फायरिंग की अचानक आवाज सुन स्टेशन में मौजूद सभी लोगों की नींद उड़ गई। लेकिन तभी अंधेरे का फायदा उठाकर हमलावर भागने में सफल हो गया। इस फायरिंग में 4 जवानों की मृत्यु हो गई। सभी मृतक जवान 80 मीडियम रेजिमेंट के थे। इस खूनी वारदात के बाद पूरे मिलिट्री स्टेशन में अलर्ट जारी कर दिया गया। पूरे स्टेशन के चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया और कातिल हमलावर की तलाश शुरू कर दी गई।

इंसास राइफल और कारतूस हुए बरामद
- छानबीन में पता चला कि मिलिट्री स्टेशन से एक इंसास राइफल चोरी हुई थी।
- सेना पुलिस और सिविल पुलिस द्वारा लगातार इस मामले की जांच की जा रही थी।
- आर्मी स्टेशन पर बैरिकेडिंग भी की गई।
- ADGP सुरिंदरपाल सिंह परमार ने जानकारी दी थी कि जांच से पता चला है कि यह सेना का एक इंटरनल केस है।
- चोरी की गई 5.56 इंसास राइफल कारतूसों के साथ बरामद कर ली गई है.
- सेना के अधिकारियों ने इस बात की आशंका जताई है कि बुधवार को हुए वारदात में इसी राइफल का इस्तेमाल किया गया था।
राइफल की चोरी का मामला
- इस वारदात से कुछ दिन पहले मिलिट्री स्टेशन से एक इंसास राइफल और 28 राउंड कारतूस चोरी हुआ था।
- ऐसे में इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इस वारदात में उसी राइफल का इस्तेमाल किया गया है।
- सुरक्षाबलों द्वारा इस एंगल से भी जांच की जा रही है।
- इसके अलावा, दो अज्ञात लोगों के खिलाफ भी पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज की गई है।
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KTF और SFJ के भटकाने वाले दावे
बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में हुई इस घटना के करीब चार दिन बाद सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ने इस पूरे हमले की जिम्मेदारी ले है। लेकिन पुलिस द्वारा इस दावे को खारिज कर दिया गया है। पंजाब पुलिस ने कहा कि दोनों संगठन महज ध्यान भटकाने के लिए ये दावे कर रही है
इस तरह हुआ शक चश्मदीद गवाह पर
- सेना और पंजाब पुलिस द्वारा ये पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि यह कोई आतंकी हमला नहीं था।
- ये मामला जवानों के आपसी विवाद का था।
- साथ ही, इसे इंटरनल मामला बताया जा रहा था।
- चश्मदीद की बातें जैसे हमलावरों की संख्या, उनका कुर्ता-पायजामा पहन कर आना, एक हाथ में कुल्हाड़ी और दूसरे के हाथ में राइफल का होने की बात कहना। ये सारी ही बातें शक पैदा कर रही थीं।
- फायरिंग में मारे गए चारों जवानों के शरीर पर गोलियों के निशान मौजूद थे।
- किसी के शरीर पर कुल्हाड़ी का एक भी वार से नहीं किया गया था।
- यहीं कारण था कि पुलिस को गवाह के बयान पर शक हो रहा था।
- जिसके बाद पुलिस ने देसाई मोहन के बारे में पूरी तरह से छानबीन की।
- जिसके बाद इस पूरे मामले का सच सामने आया।
चश्मदीद जवान ही निकला गुनहगार
- पुलिस और सेना द्वारा की गई छानबीन में खुद को चश्मदीद बताने वाला देसाई मोहन रडार पर आ गया।
- लंबी पूछताछ करने पर उस जवान को गिरफ्तार कर लिया गया।
- देसाई मोहन संग चार अन्य जवानों से इस केस में पूछताछ की गई थी।
- जानकारी के मुताबिक, देसाई मोहन ही वह आरोपी है, जिसने चार जवानों की हत्या कर दी थी।
- पूछताछ में उसने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उसी ने इंसास राइफल चुराई थी।
- उसके बाद, अपने चार साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
सीवेज से बरामद हुआ राइफल
- शुरुआती जांच के अनुसार, आपसी दुश्मनी के कारण देसाई मोहन ने इस वारदात को अंजाम दिया।
- उसने बयान देते हुए कहा कि उसने 9 अप्रैल को इंसास राइफल चुराई और उसे छुपा दिया।
- वहीं, 12 अप्रैल की सुबह तकरीबन 4.30 बजे उसने राइफल निकाली।
- फर्स्ट फ्लोर पर गया और सो रहे जवानों पर फायरिंग कर दी।
- उसके बाद राइफल को सीवेज में फेंक दिया।
- छानबीन के दौरान पुलिस को राइफल सीवेज से बरामद हुई थी।

इस तरह दी थी झूठी गवाही
- इस पूरे वारदात का चश्मदीद बनकर पुलिस को गुमराह करने वाला देसाई मोहन ही था।
- उसने गवाही में कहा था कि दो लोग सिविल ड्रेस में आए थे।
- उन्होंने इंसास राइफल से चारों जवानों पर हमला कर दिया।
- जिसमे से एक हमलावर के हाथ में कुल्हाड़ी भी था।
- जिस दौरान जवान सो रहे थे, उस दौरान ये हमला किया गया।
- दोनों हमलावरों के चेहरे ढके हुए थे।
- इस घटना के बाद जो भी हथियार बरामद किए गए हैं, उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा दिया गया।
- देसाई मोहन अभी पुलिस हिरासत में है।
- पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड का कोई टेरर एंगल नहीं है।
चार जवानों के कत्ल का कारण
- बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में चार जवानों का कातिल देसाई मोहन गिरफ्तार हो चुका है।
- देसाई मोहन ने अपने चार साथी जवानों का कत्ल क्यों किया पूछताछ में उसने इस बात का जवाब भी दे दिया है।
- जो बेहद हैरान करने वाली बात है।
- जिसमें उसने बताया कि वे चारों जवान उसका उत्पीड़न करते थे।
- जिस कारण उसने चारों जवानों को मौत के घाट उतार दिया।
- उन चारों जवानों के नाम सागर बन्ने, कमलेश आर, योगेश कुमार जे और संतोष कुमार नागराल है।
- जिसके बाद, उसने अपने आप को बचाने के लिए चश्मदीद बनकर पुलिस को गुमराह करने की तरकीब निकाली।
- उसने ऐसा किया भी लेकिन फिर भी वो पकड़ा गया।