Tajakistan Earthquake: तजाकिस्तान-चीन सीमा पर आया भयानक भूकंप, सीसीटीवी में कैद हुआ भयानक मंजर; झूले जैसे हिली पृथ्वी।
सार
- तजाकिस्तान-चीन सीमा में आए विनाशकारी भूकंप।
- भूकंप की तीव्रता 7.3 बताई गई।
- इस भीषण भूकंप के कई वीडियो भी सामने आए है।
- सभी जगह झूले की तरह हिलने लगे।
- मौत के आंकड़े अभी सामने नहीं आए।
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विस्तार
पहले तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद अब तजाकिस्तान-चीन सीमा पर भयानक भूकंप आया है। भूंकप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि सारी जगह एक झूले के सामान हिलने लगी। भूकंप की तीव्रता 7.3 बताई गई। गुरुवार को आए इस भीषण भूकंप के कई वीडियो भी सामने आने लगे है।

आज गुरुवार की सुबह आए पहले झटके का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो यहां के एयरपोर्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एयरपोर्ट किस तरह झूले की तरह हिल गया। वहीं यात्री अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागने लगे।
क्या है ये भूकंप चेन रिएक्शन?
मिली जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र मुर्गोब, ताजिकिस्तान के पश्चिम में 67 किलोमीटर दूर 20 किलोमीटर की गहराई पर था। लेकिन इस भूकंप के झटके सैंकड़ों किलोमीटर दूर तक महसूस किए गए। इससे पहले तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप आया था। जिसमे लगभग 50 हजार लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद आए इस भूकंप ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स कमेंट कर रहे हैं कि क्या पूरी दुनिया में भूकंप का चेन रिएक्शन शुरू हो गया है और एक के बाद एक देश इसकी चपेट में आएंगे?
झूला बन गया बिल्डिंग
वहीं, दूसरे वायरल हुए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि किस प्रकार भूकंप आते ही पूरी बिल्डिंग एक झूले की तरह हिलने लगी।वहीं, भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घर पर रखा सभी फर्नीचर और बेड जोर-जोर से उछलने लगता है और सारा सामान यहां वहां गिरने लगता है।
पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है भूकंप का खतरा
तीसरे वीडियाे में वर्ल्ड मैप के जरिए इस बात को दर्शाया गया कि तुर्की-सीरिया के बाद किस प्रकार एक सीरीज में चीन-कजाकिस्तान-अफगानिस्तान में भी भयानक भूकंप आया। वहीं, कई सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि ये एक बड़े खतरे का संकेत है। पूरी दुनिया पर एक बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है और अब कोई भी देश इसकी चपेट में आ सकता है। फिलहाल, भूकंप के इस चेन रिएक्शन को लेकर फिलहाल वैज्ञानिकों द्वारा कोई टिप्पणी सामने नहीं की गई है।
मौत के आंकड़े अभी सामने नहीं आए
भूकंप की तीव्रता देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे बहुत अधिक जान-माल का नुकसान हुआ होगा। लेकिन फिलहाल, अभी तक किसी भी प्रकार के मौत के आंकड़े सामने नहीं आए हैं। मिली जानकारी के अनुसार भूकंप के 20 मिनट बाद कई आफ्टरशॉक भी आए जो बहुत तेज थे। पहला आफ्टरशॉक 5.0 और दूसरा 4.6 की तीव्रता का था। पहले आए झटके की तीव्रता को लेकर भी अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
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भूकंप आने की वजह क्या है?
जानकारी के लिए बता दे कि हमारी पृथ्वी में 7 प्लेट्स हैं। हर वक्त ये प्लेट्स घूमती रहती हैं। लेकिन कुछ ऐसी जगह भी हैं, जहां ये प्लेट्स एक-दूसरे से अधिक टकराती हैं। इस प्रकार के जोन को फॉल्ट लाइन कहते हैं। इनके बार-बार टकराने की वजह से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं और इसके बाद ज्यादा दबाव पड़ता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। जिसके बाद नीचे की एनर्जी बाहर निकलने की जगह को ढूंढने लगती है। इसी डिस्टर्बेंस के कारण पृथ्वी पर भूकंप आता है। भूकंप का सेंटर धरती में जितना कम नीचे होगा वहीं, तबाही उतनी ही अधिक होगी।
भूकंप कितनी तीव्रता में कितनी तबाही ला सकता है?
रिक्टर स्केल का असर
0 से 1.9 तीव्रता = इतनी तीव्रता केवल सीज्मोग्राफ पर पता चलता है।
2 से 2.9 तीव्रता = बेहद हल्का कंपन लोगों को महसूस होता है।
3 से 3.9 तीव्रता = ट्रक पास से गुजरने जैसा एहसास होता है।
4 से 4.9 तीव्रता = दीवारों पर टंगे फ्रेम के गिरने की संभावना रहती है। खिड़कियां टूट सकती हैं।
5 से 5.9 तीव्रता = इतनी तीव्रता में फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 तीव्रता = इमारतों की नींव में दरार आ सकती है। ऊपरी मंजिल को नुकसान पहुंच सकता है।
7 से 7.9 तीव्रता = इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 तीव्रता = बिल्डिंग सहित बड़े पुल गिर जाते हैं. इसके अलावा सुनामी का खतरा हो जाता है।
9 और उससे अधिक तीव्रता = भारी तबाही, मैदान में खड़े शख्स को पृथ्वी।