बिहार में इस गांव के लोगों की हालत इतनी ज्यादा दयनीय, ऐसे दर्द भरे माहौल में रहने को लोग मजबूर; जानें पूरा मामला
Bihar News: बिहार का एक ऐसा गांव जहां के निवासी बीते 10 वर्षों से बाढ़ की त्रासदी को झेल रहे है। ये कहानी सबौर के रजंदगीपुर पंचायत में बगडेर बगीचे में रहने वाले 150 से भी ज्यादा लोगों की है। यहां दिन प्रतिदिन गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिस कारण यहां के लोगों का जीवन हर पल खतरे में गुजर रहा है। यहां के लोग बाढ़ की आहट से ही सहम जाते हैं। अपनी जिंदगी को बचाने के लिए यहां के लोग अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं। वहीं, कुछ लोग अपना आशियाना पेड़ पर बना रहे हैं तो कुछ नाव की मरम्मत करने में लगे हुए हैं।
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10 सालों से झेल रहे है कष्ट
- बीते 10 वर्षों से यहां के रहने वाले 150 से भी ज्यादा लोग बाढ़ की त्रासदी को झेल रहे हैं।
- यहां के लोग गंगा कटाव में पहले ही अपना घर-बार गंवा चुके हैं।
- वे खुद की और पशुओं की जान बचाने के लिए दियारा की सुनसान पड़ी सरकारी जमीन पर झोंपड़ी बनाकर रहते हैं।
पेड़ पर बना रहे घर
- बारिश के मौसम में पूरे इलाके में जलभराव हो जाता है।
- वहीं, बारिश के कारण जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
- बाढ़ से बचाव के लिए वे पेड़ पर आशियाना बनाकर रहते हैं।
- वहां के ग्रामीण ब्रह्मदेव मंडल, अर्जुन मंडल, राजेंद्र मंडल, मक्को देवी, रीना देवी, कालू देवी, उर्मिला देवी, काजल देवी, पूजा देवी, सुमित्रा देवी, गीता देवी ने बात करते हुए कहा कि जीवन किसी भी तरह से बच जाए इसी के जुगाड़ में लगे हुए हैं। इसके आगे ईश्वर जाने।
प्रत्येक वर्ष बनाना पड़ता है नया घर
- नंदकिशोर मंडल और रंजीत मंडल ने आशियाने का निर्माण करते हुए कहा की अगर आज से ही हम इसकी तैयारी नही करेंगे तो अचानक बाढ़ आने पर पानी में रहना पड़ेगा।
- इसके आगे उन लोगों ने बताया कि हमने एक गाड़ी बांस से भरा मंगाया है।
- सभी बांस की झोंपड़ी पेड़ के सहारे बनाया जाएगा।
- बांस से बनने के कारण हर साल बारिश के मौसम आते-आते सब सड़ जाता हैं।
इस तरह जीवनयापन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं
रजंदीपुर के पूर्व मुखिया शंकर मंडल कहते हैं कि-
- गांववालों के पास इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
- वे लोग अपने पशुओं को दियारा में रखते हैं।
- वहीं, लीज पर किसानी कर अपना जीवनयापन करते हैं।
- दुख का बात ये है कि इन लोगों का घर गंगा में समाहित हो गया है।

यहां के निवासी विनोद कुमार मंडल ने बताया कि-
- सरकार की ओर से घर के लिए अभी तक जमीन नहीं दी गई है।
- बारिश के मौसम में मजबूरन हमें पेड़ पर अपनी जिंदगी काटनी पड़ती है।
- कुछ लोग अपने पशुओं को लेकर सरकारी शिविर में भी रहने जाते हैं, किंतु अधिकतर लोग यहीं रहते हैं।
रजंदीपुर के वार्ड- 7 निवासी देवेंद्र मंडल ने कहा कि-
- यहां जब तक बांध नहीं बनेगा तब तक बाढ़ की त्रासदी को झेलना ही पड़ेगा।
- बारिश के मौसम का नाम सुनते ही रूह कांप उठती है।